टीएडी छात्रावासों के बच्चों को डे्रस के लिए शीघ्र ही अच्छी गुणवत्ता वाला कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा - उद्योग मंत्री

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टीएडी छात्रावासों के बच्चों को डे्रस के लिए शीघ्र ही 

अच्छी गुणवत्ता वाला कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा 

 - उद्योग मंत्री

 

जयपुर, 10 फरवरी। उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीना ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास (टीएडी) विभाग के छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को शीघ्र ही दो-दो डे्रस के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा। 

 

श्री मीना जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री की ओर से प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कई बच्चे नकद राशि देने पर कपड़े न खरीदकर अन्य सामान खरीद लेते थे और वे स्कूल में स्कूली गणवेश नहीं पहन पाते थे। कई बार तो बच्चे फटे कपड़े पहनकर स्कूल आ जाते थे। उन्होंने बताया कि जल्दी ही सभी विभागीय छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों के बच्चों को दो-दो ड्रेस के लिए कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि  बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाला समान कपड़ा मिलने से संस्थान में एकरूपता रहेगी।  

 

इससे पहले विधायक श्री फूल सिंह मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री ने बताया कि विभागीय छात्रावासों, खेल छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों के विभिन्न बजट मदों के उपशीर्ष 61 के तहत खाद्य सामग्री एवं सहायक सामग्री यथा स्कूल ड्रेस, जूते, मोजे, टॉवेल आदि छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। पूर्व समय में तात्कालीन परिस्थितियों के मद्देनजर सक्षम स्तर से लिए गए निर्णय अनुसार पोशाक क्रय हेतु नकद राशि छात्र-छात्राओं को उपलब्ध  कराई गई थी। गत वर्ष में आश्रम छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को 2 हजार 600 रुपए दिये गये थे व खेल छात्रावास के छात्र-छात्राओं को 3 हजार 645 रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा कराई गई थी।

 

श्री मीना ने बताया कि इस वर्ष में छात्रावासों, एकलव्य मॉडल रेजीडेन्सी स्कूल एवं खेल छात्रावासों के छात्र-छात्राओं को दो ड्रेस का कपड़ा दिया गया है। निविदा प्रक्रिया सम्पन्न होने के पश्चात् शेष बचत राशि की गणना कर इस मद में ड्रेस की सिलाई के लिए 350 रुपए प्रति छात्र-छात्रा निर्धारित करते हुए शेष 850 रुपए प्रत्येक छात्र-छात्रा के बैंक खाते में सीधे ही ऑनलाइन जमा करायी जा रही है।

 

उन्होंने बताया कि यह निर्णय सक्षम स्तर से लिया गया है तथा बजट मद में खाद्य सामग्री एवं सहायक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रावधान है। श्री मीणा ने कहा कि देरी के लिए कोई अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है तथा बजट मद के प्रावधान अनुरूप ही जनजाति छात्र-छात्राओं को व्यवस्थित गणवेश दिलाने के उददेश्य से यह व्यवस्था की गयी है।